MLA सिद्धी को झटका, बुआ राज्यश्री वाले ट्रस्ट को मिली मजबूती
- देवस्थान विभाग का फैसला बदला, राज्यश्री ने सिद्धी पर लगाए कई आरोप
RNE Bikaner.
बीकानेर पूर्व रियासत के राजघराने में संपत्ति के लिए दो राजकुमारियों के बीच मची घमासान के बीच अब नया मोड़ आ गया है। यह मोड़ ऐसा है जिसमें बुआ राज्यश्री कुमारी की प्रमुखता वाले ट्रस्ट को मजबूती मिली है और भतीजी एमएलए सिद्धी कुमारी को एक तरह से झटका लगा। देवस्थान विभाग के पिछले फैसले को बदलने के बाद उत्पन्न इस नई स्थिति के बाद राज्यश्री कुमारी खुलकर प्रेस-मीडिया के सामने आई और सिद्धी कुमारी पर कई गंभीर आरोप लगाए।
पहले जानिए क्या हुआ है फैसला :
अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक देवस्थान विभाग ने नए आदेश में राज्यश्री कुमारी, मधुलिका कुमारी, हनुवंत सिंह को ट्रस्टी मान लिया गया है। ये फैसला मुंबई हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए दिया गया है। राज्यश्री ने इसके बाद कहा है, वह किसी भी विवाद से बचना चाहती है। राजपरिवार की इज्जत रखनी हैं।
मीडिया के सामने भतीजी सिद्धी पर लगाए आरोप :
फैसले के बाद राज्यश्री ने मीडिया से बात करते हुए अपनी भतीजी सिद्धि कुमारी पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा- जब से उनकी माता सुशीला देवी का निधन हुआ है, तब से सिद्धि कुमारी उन्हें परेशान कर रही है।
उनके खिलाफ पुलिस थानों में झूठे मामले तक दर्ज करा दिए। जूनियर स्टाफ के खिलाफ भी मामले दर्ज करा दिए। इतना ही नहीं जूनागढ़ और लालगढ़ के आगे बाउंसर खड़े कर दिए हैं ताकि हम अंदर नहीं जा सकें।
देवस्थान विभाग के इस फैसले से गहराया था विवाद :
दरअसल देवस्थान विभाग ने पहले एक फैसले में राजपरिवार के संबंधित ट्रस्टों में राज्यश्री कुमारी, मुधलिका कुमारी, हनुवंत सिंह और रीमा हूजा को ट्रस्टी हटा दिया था। इसके साथ ही संजय शर्मा, धीरज भोजक, मनीष शर्मा, मदन सिंह को ट्रस्टी बनाया था। देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त ने 27 मई 2024 इस पर मुहर लगा दी थी। फैसले में सिद्धि कुमारी को परिवार का वरिष्ठ सदस्य माना गया था और वर्किंग ट्रस्टी हनुवंत सिंह के हस्ताक्षर को फर्जी माना गया था। इसमें राजमाता सुशीला कुमारी की एक वसीयत का भी हवाला आया। इस आदेश के खिलाफ हनुवंत सिंह ने देवस्थान विभाग उदयपुर के आयुक्त के सामने अपील दायर की थी।
अब आया यह आदेश :
अब देवस्थान विभाग ने पुराने आदेश को बदल दिया है। मुंबई हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा है, परिवार का वरिष्ठ सदस्य ही इन ट्रस्टों का सर्वेसर्वा होगा। वरिष्ठ सदस्य सिद्धि कुमारी नहीं बल्कि राज्यश्री कुमारी है। इस आधार पर राज्यश्री कुमारी, मुधलिका कुमारी, हनुवंत सिंह और रीमा हूजा को वापस ट्रस्टी मान लिया है।